" दो कविताएँ"
१)
विज्ञापन की मार से पब्लिक परेशान,
टूथपेस्ट में नमक है, कहता पहलवान।
ललिताजी ने बेच दिए थे ढेरों साबुन के पाउडर,
रैपिडेक्स में कपिलदेव ने दिखलाया था अंग्रेजी डर।
अब है बिकता औरत को पतला करने का सामान,
औरत तो मोटी ही रही उद्योगपति हुआ धनवान।
सेलेब्रिटी बटोर रहे गिरिजा मोटा विज्ञापन का धन,
पब्लिक नाहक उठा रही इन विज्ञापनों का वजन।
2)
कल अचानक रास्ते में दिख गया शेर
बन्दुक दाग दी और वो हो गया ढेर
फिर पास आया जब साफ़ हुआ धुआ
देखा तो बहुत ही अफसोस हुआ
हाय मैंने क्या कर डाला ये गज़ब
नायाब शेर था बिलकुल ही अजब
गिरिजा ये तूने क्या अनर्थ कर डाला ं
शेर तो प्यारा था मिर्जा ग़ालिब वाला !
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