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Thursday, 20 November 2025

चला जाऊंगा मैं यह जग छोड़ के

एक गाना है फिल्म "कटी पतंग" में ।
बोल इस प्रकार हैं:
"जिस गली में तेरा घर ना हो बालमा, उस गली से हमें तो गुजरना  नहीं, जो डगर तेरे द्वार को जाती न हो उस डगर पर हमें पाव रखना नहीं "

आ ये रसमें ये कसमें सभी तोड़ के
तू चली आ चुनर प्यार की ओढ़ के
या चला जाऊंगा मैं ये जग छोड़ के।

इस गाने की analysis करना बहुत जरूरी है।
इस गाने से यह साफ पता चलता है कि यह उस लड़की को परेशान कर रहा है। अगर वाकई दोनों का प्रेम होता तो सड़क पर खड़े होकर चिल्ला कर गाना नहीं गाता।

चलिए शुरू करते हैं analysis। 

पहला पॉइंट तो यह है कि वह कह रहा है कि इस गली के अलावा कहीं नहीं जाएगा यानी परमानेंटली इसी गली में डेरा डालने के चक्कर में है। गली काफी लंबी है
यहां पर कई सवाल उठते हैं ।
पहला सवाल है वह रहेगा कहां दूसरा सवाल है वह खाएगा क्या और कहां और  तीसरा सवाल है की खाने और रहने के लिए  पैसा कहां से आएगा। 

यह तो निश्चित  है कि उसे इस गली में अच्छी नौकरी मिलने से तो रही। इसे नौकरी मिलनी नहीं सिवाय इसके कि वह झाड़ू पोछा फ़टका मारने का काम करें या फिर खाना बनाने का क्योंकि अन्य किसी जॉब जैसे मिस्त्री मजदूर इत्यादि में रोज काम तो मिलने मुश्किल है । किस्मत अच्छी हो तो  पैसे का बंदोबस्त हो जाएगा इस तरह।

आगे बढ़ते हैं.  
वह रहेगा कहां ? अगर वहां पर कोई छोटा-मोटा  क्वार्टर हो तो एक कमरा किराए पर ले लेगा।
जहां तक खाने का सवाल है उस गली में कोई तो ढाबा तो होगा ही। हर मोहल्ले में होता है। और अगर ढाबा नहीं हुआ तो घर में खाना पकाएगा।

 चलिए अब आ गया मकान में अपने एक कमरे के। नौकरी ढूंढेगा महल्ले में,
 पर फिलहाल उसके पास कुछ पैसे है कुछ दिन काम चलाने के लिए।

पर सवाल यह है कि इस तरह के आदमी से शादी तो कोई लड़की करने से रही,  खासकर वह लड़की जिसके लिए गाना गा रहा है जो की अपने मध्यवर्गीय माता पिता के सथ  रहती है। इसी गली में उसका अपना मकान है। 
अब अगली लाइन सुनिए । अगली लाइन में वह क्या कहता है :

"तू  ये रस्मे वादे सभी छोड़ के, तू चली आ यहां चुनर ओढ़ के या चला जाऊंगा मैं ये जग छोड़ के।

 अब पोजीशन बिल्कुल साफ हो रही है । बात पुलिस में रिपोर्ट करने की बनती है क्योंकि यह आदमी  आत्महत्या करने की धमकी दे रहा है और आत्महत्या करना एक अपराध है ।(भारतीय दंड संहिता अध्याय XVI सेक्शन 309)

इस आदमी का फ्यूचर कुछ नहीं है ।  झाड़ू पोछा फ़टका का काम,  रूपए पैसे और खाने पीने की किल्लत और एक कमरे में गुजारिश।  वह लड़की तो इससे शादी करने से रही। 

अब देखते हैं कि होता क्या है।

होता यह है कि लड़की के पिता परेशान होकर लड़की की फौरन शादी कर देते हैं एक अच्छे घर में । बातचीत पहले से चल रही थी।

शाम को बारात आती है रात में शादी होती है और अगले दिन सुबह लड़की विदा हो जाती है।

उस दिन पूरे दिन भर यह आदमी अपने घर से बाहर नहीं निकला । कहीं दिखाई नहीं दिया।

अगले दिन भी नहीं दिखाई दिया तो लोगों ने सोचा की इसने आत्महत्या कर ली है क्योंकि गाना गा रहा था "या चला जाऊंगा मैं यह जग छोड़ के। "

तीसरे दिन मोहल्ले के लोगों ने पुलिस में रिपोर्ट कर दी।

तो पुलिस आती है और इसके  घर के अंदर प्रवेश करने के लिए दरवाजे को खटखटाती है । कोई जवाब नहीं मिलता है। फिर हल्का सा धक्का देने से दरवाजा खुल जाता है।

मोहल्ले के कुछ लोग पुलिस के साथ अंदर जाते हैं। अन्दर कोई नहीं है। एक कमरे का क्वार्टर था और साथ में बाथरूम। कमरा बिल्कुल खाली मिलता है उसका बिस्तर बक्सा चारपाई कुछ भी नहीं है।

पुलिस इंस्पेक्टर ने चारों तरफ नजर घूमाई है तो एक कोने में प्लास्टिक का हरे रंग का जग रखा मिला और उसके नीचे एक पर्ची रखी हुई थी जिसमें कुछ लिखा हुआ था।

पुलिस इंस्पेक्टर ने पर्ची निकाल कर पढ़ी।

पर्ची में लिखा हुआ था " मैंने कहा था कि अगर मेरी तुमसे शादी नहीं हुई तो मैं जग छोड़  कर चला जाऊंगा इसलिए इस पुराने जग को यहीं पर छोड़कर मैं जा रहा हूं"

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