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Saturday 4 July 2015

कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन

"कोई लौटा दे मेरे  बीते  हुए  दिन ....  "

वोह पुराने हजरतगंज की रौनक भरी शाम, benbows के पास की पान की दूकान

वोह केशव fruits में रक्खे दशहरी आम,
और  kopoors में छलकते नशीले  जाम.

वो lovers lane में  लड़कियों की भरमार,
लड़के हो जाते थे गलतफहमी के शिकार !

वो सिंह electrcals के बिजली के toaster, Mayfair  में छलकते सोफिया लोरेन के पोस्टर.

वोह लालबाग की गली में शर्मा चाट की दूकान,
जहाँ २५ पैसे मे मिलता था गज़ब का सामान.

वोह नरही का पांडे का मलाई रबड़ी का स्टाल,
Indian coffee house का लम्बा सा hall.

वो king of चाट का रथ जैसा ठेला,
जहाँ  लगता हर शाम रईसों को मेला.

क्या हो गया है  यह वख्त  का सितम,.
न गंज वैसा रह गया और न रहे वैसे हम!

3 comments:

Unknown said...

you write beautifully..old hazratganj comes alive..i used to eat at ranjana resturant two delicious cutlets for 70 paise!! now thr is a dry cleaning shop at that place.

Unknown said...

you write beautifully..old hazratganj comes alive..i used to eat at ranjana resturant two delicious cutlets for 70 paise!! now thr is a dry cleaning shop at that place.

Unknown said...

Enter your comment...thank you!! God bless you.