सोचने की बात
आप जिस मकान में रह रहे हैं उस मकान के बारे में आप क्या जानते हैं ? कभी आपने गौर से सोचा है किस किस चीज का बना हुआ है आपका मकान ?
अपने दरवाजे देखिए। लकड़ी के हैं । लकड़ी कहां से आई ? लकड़ी एक पेड़ से आई है । यह दरवाजे कभी एक पेड़ का हिस्सा हुआ करता था। इस पर टहनिया लगी हुई थी और उन टहनियों में फूल पत्तियां खिला करते थे। फल भी लगते थे । फिर एक दिन उस पेड़ का सत्यानाश कर दिया गया। पेड़ धराशाई हो गया। पेड़ को चीरा गया। उस के पटरे बनाए गए और उनमें से एक आपका यह दरवाजा है।
ईटों को देखिए। कहां से आए हैं यह ईंटे ? आए हैं ईट की भट्टी से। वहां पर मिट्टी लाई गई और उसे पकाया गया ईटे की शक्ल में। यह कभी धरती की मिट्टी हुआ करती थी। उस धरती की जिसमें पेड़ पौधे उगा करते हैं । फिर उसकी ईट बनी । सीमेंट बालू मिलाकर ईटों से मकान खड़ा किया गया।
आपने अपने दरवाजे पर और खिड़कियों पर खूबसूरत पर्दे लगा दिए हैं। कभी सोचा है इन पर्दों के बारे में ? जिन हाथों ने परदे बनाए वह गरीब लोग थे जो 8 घंटे फैक्ट्री में काम करके आपके लिए कपड़े बनाया करते थे । और यह कपड़े किस चीज के हैं ? कपास का है जो कि पेड़ में रुई की तरह उगता है फिर उसके डोरे बनाए जाते हैं उन डोरों को बुना जाता है। उन्हें रंगा जाता है और फिर उन्हें पर्दे के कपड़े की शक्ल में थान में लपेटकर दुकानों में रखा जाता है जहां जाकर आप नपवाकर अपने पसंद का कपड़ा खरीदते हैं।
मकान में आपके बिजली के तार हैं । यह बिजली है क्या चीज़ ? कभी पहले बिजली नहीं होती थी तब मकानों में तार भी नहीं होते । फिर बिजली का आविष्कार हुआ। जब पहले पहले बिजली बनी तो बहुत से अनजान लोग मर गए होंगे बिजली के तारों से चिपक कर। फिर धीरे-धीरे लोगों ने इसका इस्तेमाल करना सीखा । एक दिन यह तार के रूप में मकानों में आ गई ।
लेकिन सिर्फ तार होने से कुछ नहीं होता । आगे कुछ होना चाहिए जिससे प्रकाश हो। वह प्रकाश बल्ब से आया उसका भी किसी ने आविष्कार किया।
तो यह घर में जो आपके सभी चीजें हैं वह कुछ पुराने जमाने के मनुष्य के दिमाग में आए आविष्कार का नतीजा है।
कभी आराम से बैठकर सोचिये कि आपके जीवन में जो सुविधाएं हैं उनके पीछे कुछ लोग हैं जिनका नाम भी आप नहीं जानते।
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