राम जेठामलानी और नानावती कांड
राम जेठमलानी सन् 2019 मे पंचतत्व में विलीन हो गए हैं।
अब से कोई साठ साल पहले1959 में नानावती के केस ने (google search THE NANAVATI CASE ) पूरे विश्व में सनसनी फैला दी थी और BLITZ नाम के साप्ताहिक पेपर को भारत का सबसे ज्यादा बिकने वाला पेपर बना दिया था। नानावती केस के दौरान ब्लिट्ज की एक-एक कॉपी जो 25 पैसे की हुआ करती थी दो दो रुपए में बिकी !
भारतीय नौसेना के कमांडर केएम नानावती की ब्रिटिश पत्नी सिलविया प्रेम अहूजा के प्रेम पाश में फंस चुकी थी। जैसे ही नानावती को इस बात का पता चला वो प्रेम अहूजा के मकान में पहुंचते हैं ।अंदर दाखिल होते ही तीन गोलियों की आवाज मुंबई के कोलाबा इलाके में गूंज उठती है । प्रेम अहूजा IS DEAD !!
Jury trial होता है जिसमें नानावती निर्दोष पाये जाते हैं और उन्हे बरी कर दिया जाता है। (इसके बाद ही भारत में जूरी प्रथा समाप्त कर दी गई)
आहूजा की बहन नानावती के खिलाफ अब उच्च न्यायालय में case ले जाती है और legal team मे राम जेठमलानी होते हैं। high court में नानावती को life imprisonment की सजा मिलती है। यहां से राम जेठमलानी की वह यात्रा शुरू होती है जो उन्हें विश्व प्रसिद्ध कर देती है।
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