अलाउद्दीन का चिराग
बाजार जाकर सामान खरीदना युवा अवस्था में तो बहुत अच्छा लगता है पर जब उम्र बढ़ जाती है और शहर बहुत भीड़भाड़ वाला हो जाता है तब बाजार में सामान खरीदने जाने में आलस आता है।
अब लखनऊ की अमीनाबाद बाजार को ही ले लीजिए । कई दशक पहले अमीनाबाद बहुत साफ सुथरा था, भीड कम थी और सामान खरीदने में शरीर और दिमाग की थकावट नहीं होती थी। अब यह हाल है कि घर से अमीनाबाद तक जाने में रास्ते में कई जगह जैम होते रहते हैं क्योंकी लखनऊ में चार दशक पहले जितनी साइकिल थी , अब उससे ज्यादा कार स्कूटर ऑटो रिक्शा हो गई है।
और बाजार के अंदर तो और भी बुरा हाल है।
इक्कीसवीं सदी के दूसरे दशक में हमारे पास अलाउद्दीन का चिराग आ गया। इस अलाउद्दीन के चिराग को मोबाइल फोन कहते है । स्मार्टफोन भी कहते हैं। अब आपको बाजार जाने की जरूरत नहीं है। सामान खरीदने के बहुत से ऐप है जैसे अमेजन, फ्लिपकार्ट, जियो, स्नैपचैट,1mg, ब्लिनकेट इत्यादि और आप किसी भी ऐप पर जाकर सभी तरह के सामान के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं कि कौन सा कितने रुपए में मिलता है, किस तरह का सामान है , देखने में कैसा है इत्यादि इत्यादि। जो भी सामान खरीदना हो उसे बास्केट में डालते जाइए और जब आप का काम खत्म हो जाए तो एक बटन दबाया और 15 मिनट के बाद आपके दरवाजे पर एक आदमी वह सामान लेकर आ जाएगा।
पहले ऐसा सिर्फ अलाउद्दीन के चिराग में होता था। अगर आपने अपने बचपन में अलाउद्दीन के चिराग की कहानी नहीं पढ़ी है तो आपको बता देता हूं।
कहानी कुछ इस तरह है कि एक आदमी को एक चिराग मिल जाता है जो रास्ते में कहीं पड़ा हुआ था। वह उसे अपने घर ले आता है क्योंकि उसे अपने घर में रोशनी के लिए एक चिराग की जरूरत थी। क्योंकि चिरागvथोड़ा गंदा था तो वह चिराग को साफ करने लगता है। जब वह आदमी उस चिराग को रगड़ रगड़ कर साफ कर रहा है तब एक धमाका होता है और धुएं में से एक जिन्न प्रकट हो जाता है । जिन्न उससे कहता है "आका, हुकूमत दीजिए क्या लाना है"। फिर वह आदमी हुक्म देता है और थोड़ी ही देर में उसे
सामान लाकर जिन्न दे देता है।
यही काम हमारा स्मार्टफोन करता है। बस फर्क यह है कि सामान मुफ्त में नहीं मिलता।
ज्यादातर ऑनलाइन खरीदारी के संस्थान उसी दिन डिलीवर हो जाता है पर कुछ सामान ऐसे होते हैं जो बाहर से मांगने होते हैं। ऐसे सामान दो-तीन दिन के अंदर आ जाता है। ज्यादातर कपड़े ,फर्नीचर का सामान ,रसोई के बड़े बर्तन इत्यादि बाहर से आते हैं जिसके लिए एक-दो दिन का समय लगता है।आप अपने स्मार्टफोन में देख सकते हैं कि सामान कब वहां से चला, कहां-कहां होकर आया और कब आपके घर पर पहुंचा देने के लिए ऑनलाइन स्टोर से चल पड़ा है।
स्मार्टफोन का एक और उपयोग है। आप अपने घर पर ही कोई टैक्सी या ऑटो रिक्शा बुला सकते हैं मोबाइल फोन पर बुक करके और वह भी 10 मिनट के अंदर आ जाता है। आपको फोन पर अपना पता, जहां जाना है वह जगह टाइप करनी होती है और आपको यह सूचना मिल जाती है किस नंबर की गाड़ी आएगी , ड्राइवर का नाम क्या होगा और आपके कितने पैसे देने होंगे। अब वह पुराना झंझट
खत्म है जब आप बाहर सड़क पर खड़े होकर देखते थे कि इस रास्ते कोई टैक्सी या ऑटो रिक्शा निकल जाए तो हाथ रोक कर उससे पता करें कि वह उस जगह जाएगा या नहीं। कभी-कभी टैक्सी ड्राइवर मना भी कर देते थे।
इस स्मार्टफोन से आपको और भी कई चीज मिल जाती है।
आप इस स्मार्टफोन से दुनिया के किसी भी हिस्से में रहने वाले किसी व्यक्ति से बातचीत कर सकते हैं उसे फोटो या वीडियो भी भेज सकते हैं। आप इसे कैलकुलेटर के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें आप मौसम का हाल पता कर सकते हैं। इसमें विकिपीडिया AI या अन्य किसी स्थान से आप दुनिया की कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं जिसके लिए आपको लाइब्रेरी जाने की अब कोई जरूरत नहीं है। इसमें आप अपने मनपसंद की कोई भी पुस्तक फॉरेन पढ़ सकते हैं कभी पैसा देकर कभी मुफ्त में। संसार के किसी भी देश के अखबार भी आप किसी भी भाषा में अपने स्मार्टफोन पर पढ़ सकते हैं।
बचपन मैं तिलस्म की कहानियां पढ़ कर बहुत रोमांच हो जाता था और सोचते थे कि काश ऐसा होता, हमें भी अलाउद्दीन का चिराग मिल जाता तो कितना अच्छा होता। कभी सोचा न था की एक समय ऐसा आएगा जब वह चिराग हमारे हाथ में होगा।
कोई भी चीज असंभव नहीं है।
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