मैं अपने एक दोस्त के घर गया था। थोड़ी देर में उनकी पत्नी चाय दे गईं। जैसे ही चाय आई उन्होंने झट एक गोली मुंह में रख दी और उसे चाय के साथ निगल लिया।
"ये कौन सी दवाई खा रहे हैं आप" मैने पूछा।
"डिस्प्रिन" ,उन्होंने जवाब दिया, "सिर में दर्द हो रहा है"
आपके पेट में कब्ज़ तो नहीं है ? मैने पूछा।
पता चला कि कब्ज़ तो है ही , साथ में ब्लड प्रेशर के भी गिरफ्त में है। और खाना जरूरत से ज्यादा खाते हैं खासकर बाजार के तले हुए नमकीन स्नैक्स। और वह खानपान को ठीक करने के बजाय गोलियां खाते रहते हैं।
काफी लोग बेमतलब ही केमिस्ट से खरीद कर दवा ले लेते हैं। कोई यह नहीं सोचता है कि वो समस्या क्यों हो गई जिसके लिए दवा लेने की जरूरत पड़ गई। सिर का दर्द एक बीमारी नहीं है। वह सिर्फ एक सिम्पटम है जिसके कई कारण होते है। लक्षणों (symptoms) को दबाने से बीमारी नहीं जाती है। पैरासिटामोल , ब्रूफेन आदि दवाइयां लोग खा रहे है बिना यह पता किए कि तकलीफ क्यों हो रही है।
यह आप अच्छी तरह समझ लें कि हर दवा का साइड इफेक्ट भी होता है। नियमित रूप से दर्द की दवा लेते रहने से किडनी और लीवर खराब होने लगते हैं और फैटी लीवर जैसी बीमारियां शरीर को पकड़ लेती है।
आपका स्वास्थ्य सिर्फ दवाइयां की मदद से ही ठीक नहीं हो सकता है । इसके लिए यह भी जरूरी है कि आपका खाना पीना ठीक हो और उचित नींद भी आती हो। यह भी जरूरी है कि आप कितना शारीरिक परिश्रम करते हैं।
अधिकतर बीमारियों की जड़ पेट है और पेट की समस्या आपके खानपान से शुरू होती है। इसलिए यह जरूरी है आप जहां तक हो सके घर का बना हुआ स्वस्थ खाना ही खाइए। बाजार में बिकने वाली, दिखने में आकर्षक और खाने में स्वादिष्ट चीजों से बचकर रहे , खासकर उन चीजों से जिन्हें हम जंक फूड कहते है जैसे नूडल्स,पिज्जा , बर्गर , हलवाई की दुकान का तला हुआ सामान वगैरह।
रेस्टोरेंट के स्वादिष्ट खाने में भी केमिकल्स मिलाए जाते है जैसे सोडियम मोनो ग्लुकोनेट जिससे खाना बहुत स्वादिष्ट पर हानिकारक हो जाता है। इस तरह के खाने में नमक भी बहुत होता है जो आपके स्वास्थ के लिए हानिकारक है। अक्सर बड़े रेस्तरां का खाना बासी भी होता है जो कई दिनों तक डीप फ्रिज में रक्खा हुआ होता है।
एक और बात कहना आवश्यक है और वह यह है कि अक्सर दिन भर में कई दवाइया खानी होती है जिन से कुछ दवाइयां एक दूसरे पर बुरा प्रभाव डाल सकती है । इसलिए यह जरूरी है इस बात को पूरी तरह से सुनिश्चित कर लिया जाए की कौन सी दवा कब खानी है और कौन-कौन सी दवाइयां के बीच में कितना अंतर रखना है नहीं तो आपका स्वास्थ ठीक होने का बजाय बिगाड़ सकता है। इसी तरह कुछ खाद्य पदार्थ भी दवाइयां पर असर डालते हैं और दवाइयां का सेवन करने के दिनों में इनका कितना इस्तेमाल कर सकते हैं यह पता करना जरूरी है ताकि उनसे स्वास्थ्य पर बुरा असर ना पड़े।
एक बात और। छोटी छोटी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए एलोपैथी दवा की गोली निग़लना सही बात नहीं है। अगर गले में खराश आ गई, हल्की सर्दी लग गई तो पहले नमक के गरारे कीजिए , तुलसी काली मिर्च की चाय पीजिए।
अगर इससे समस्या हल नहीं होती है तभी दवाई लीजिए। अगर सिरदर्द रहता है तो पहले हाजमे को चेक करें क्योंकि अक्सर पेट की खराबी और कब्ज़ की वजह से ही सिर दर्द रहता है।
अगली बार छोटी मोटी शारीरिक परेशानी होने पर पेटेंट दवा की तरफ हाथ बढ़ाने से पहले अपने आप से पूछिए कि ये मैं क्या खा रहा हूं।
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