हमें कृतज्ञ होना चाहिए
जी हां हमें कृतज्ञ होना चाहिए उन सभी लोगों का जिनकी वजह से इस विनाशकारी करोना काल में हम अपना जीवन निर्वाह सही प्रकार से कर पा रहे हैं।
बहुत से दुकानदार -- चाहे दवाई वाले हो या ग्रॉसरी वाले हो या अन्य सामान बेचने वाले हो - आपके घर पर सामान डिलीवर कर रहे हैं । आपको कहीं जाना नहीं पड़ रहा है । घर के अंदर सुरक्षित रहकर भी आपको सब सामान मिलता जा रहा है वह भी उचित मूल्य पर । इसके लिए हमें इनका आभार प्रकट करना चाहिए।
हमें आभार प्रकट करना चाहिए उन मिल के मजदूरों का जिनके बूते पर बड़े-बड़े उद्योगपति हमें तरह-तरह के सामान दे पा रहे हैं । फैक्ट्री में बने हुए सामान के पीछे इन्हीं लोगों की मेहनत है अगर हम इस दौरान मोबाइल खरीदते हैं या अपने वस्त्र खरीदते हैं ऑनलाइन या हम खाने पीने का सामान खरीदते हैं या आटा दाल चावल -- सब चीजों के पीछे वह गरीब मजदूर हैं जो फैक्ट्रियों में घंटो काम कर रहे हैं और उसके बदले हमें घर बैठे सब सामान मिल रहा है।
हमें आभार प्रकट करना चाहिए उन डॉक्टर्स का और नर्सेज का जो बारह बारह घंटे काम करके बीमार लोगों की सेवा कर रहे हैं अपने ऊपर बहुत बड़ा खतरा खतरा मोल लेते हुए । हम वायरस से ग्रसित लोगों से बच रहे हैं और वह जानबूझकर वायरस से ग्रसित लोगों के बीच में रहकर उन्हें ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं।
हमें आभार प्रकट करना चाहिए उन किसानों का जो इस भयंकर महामारी के रहते हुए भी खेती करके अन्न उगा रहे हैं और हम लोगों को खाने पीने की चीजें उपलब्ध करवा रहे हैं। इन सभी मेहनत कश किसानों का भला हो और उन्हें अपने उत्पाद का सही मूल्य मिले यही हमारी जिम्मेदारी है।
बहुत से बुजुर्ग लोग अकेले रह रहे हैं। उनमें से वह लोग बहुत भाग्यशाली हैं जिन्हें कोई ऐसे सज्जन पुरुष मिल जाते हैं जो बैंक जाकर उनके पैसे ले आते हैं उनके बिल पे कर देते हैं और जो उनके अन्य काम निपटाने में उनकी मदद करते हैं । इन सज्जन लोगों का हमें धन्यवाद करना चाहिए और यदि हम संपन्न हैं तो हमें रुपया पैसे से उनकी मदद करनी चाहिए।
संकट तो आते रहेंगे और चले जाएंगे पर यदि किसी संकट के बाद हम पहले से अच्छे मनुष्य बन सके तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।
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