कुत्ता पालें या बिल्ली पालें ?
आमतौर पर लोग घर में कुत्ता या बिल्ली पालते हैं। कुत्ते को जब घर में पालते हैं तो वह बिल्कुल घरेलू हो जाता है आप से हिल मिल जाता है आपकी रक्षा करता है और दूसरों को आपके यहां आने पर संदेह के निगाह से देखता है जब तक कि आप उनका स्वागत नहीं करते हैं।
बिल्ली बिल्कुल फर्क है। उसका आप से लगाव सिर्फ खाने पीने तक होता है या प्यार दुलार तक। वफादारी नाम की कोई चीज बिल्ली में नहीं होती है। आपको खतरे में देखकर बिल्ली भाग जाएगी जब कि कुत्ता जान दे देगा ।
जब मेरा जन्म हुआ था तब हमारे घर में जैक नाम का एक कुत्ता था। पता नहीं क्यों कुत्ते ज्यादातर अंग्रेज होते हैं मतलब अंग्रेजी नाम वाले। इंडिया में कुत्तों का हिंदी नाम मध्यम वर्गीय लोग नहीं रखते हैं।
मुझे जैक की कुछ भी याद नहीं आए पर मेरी माताजी बताती थी कि वह बहुत इंटेलिजेंट कुत्ता था और कई बार उसने सबको खूब छकाया । एक बार कुछ लोग घर में बैडमिंटन खेल रहे थे और एक बाहर वाला लड़का जबरदस्ती घुस गया और वह भी खेलने लगा। जैक को यह पसंद नहीं आया तो उसने उस लड़के का स्वेटर जो उसने उतार के किनारे रखा था ले जाकर एक गड्ढे में छुपा दिया। जब खेल खत्म हुआ तो वह लड़का अपना स्वेटर ढूंढने लगा पर उसे मिला नहीं। हमारी माता जी को जब पता चला तो उन्होंने जैक को कड़े शब्दों में कहा कि स्वेटर कहां है तो वह उन लोगों को वहां ले गया जहां गड्ढे में उसने स्वेटर छिपा रखा था।
हमारा दूसरा कुत्ता पीटर था । जब मैं नाइंथ क्लास में आया तब पीटर आया था । चमकीले काले रंग का कुत्ता था शायद लैब्राडोर था । कई साल हम लोगों के साथ रहा और एक एक्सीडेंट में उसकी मौत हो गई ।
कई दशकों के बाद मेरे रिटायरमेंट के करीब हमारे घर में जैकी नाम का एक सफेद छोटा सा प्यारा पोमेरेनियन कुत्ता आया जिसको मैं मॉर्निंग वॉक में घुमाने ले जाता था । उसका नाम जैकी था।
मैंने बिल्लियां भी पाली पर बिल्लियों के साथ मेरा ज्यादा लगाव नहीं रहा। सिर्फ लालू प्रसाद नाम का एक बिल्ला बहुत प्यारा था । और उसका मुझसे बहुत तगड़ा लगाव था। जब मिलने वाले मुझसे मिलने के लिए आ कर बैठक में बैठते हैं तो लालू प्रसाद भी आकर हमेशा बैठक में बैठ जाता था और उनके जाने तक बैठा रहता था । सुबह-सुबह जब मैं बगीचे में सब्जियों के खेत में काम करता था तो भी वह मेरे साथ ही रहता था ।
कुत्ते या बिल्ली पालने का यह फायदा है कि उससे आपके मन में तनाव कम हो जाता है । इसलिए हो सके तो बिल्ली या कुत्ता पाल लेना चाहिए।
पर बिल्ली और कुत्ता पालने के बाद जानवरों के अस्पताल में विशेषज्ञ से हमेशा राय लें कि हमें क्या-क्या सतर्कता बरतनी चाहिए
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